चीन में एमबीबीएस कर रहे जालाेर के 50 छात्र फंसे, हाॅस्टलाें में कैद

कोरोना वायरस फैलने के चलते चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे जालोर जिले के करीब 50 छात्र हाॅस्टल में कैद हाे गए हैं। हालांकि कई छात्र ताे दिसंबर में परीक्षा हाेने के बाद गांव लाैट आए, जबकि 50 से ज्यादा छात्र अभी भी वहीं फंसे हुए हैं। वहां बाजार बंद हाेने से उन्हें सब्जी व अन्य सामान तक नहीं मिल रहा है।  


इन छात्रों ने फोन पर बताया कि कोरोना वायरस फैलने के बाद चीन में पिछले 20 दिन से कर्फ्यू जैसे हालात हैं। पूरे देश में अलर्ट जारी हाेने के बाद घराें से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी तक दी गई है। ऐसे में लाेग जरूरत हाेने पर ही बाहर निकल रहे हैं। वहां पूरे दिन सड़काें सन्नाटा पसरा रहता है। छात्रों ने बताया कि पिछले 25 दिनों से चीन में मेडिकल कॉलेजों में भी अवकाश घोषित है, जिससे वे हॉस्टलों में ही कैद हाेकर रह गए हैं। करीब 50 से अधिक विद्यार्थी वर्तमान में चीन के विभिन्न शहरों से पढ़ाई कर रहे हैं।



20 दिन पहले लाए थे खाने-पीने का सामान 
छात्रों ने 20 दिन पहले मेडिकल कॉलेजाें में अवकाश घोषित कर दिया था। सभी को खाने-पीने का सामान लाने को लेकर एक साथ अलर्ट कर दिया गया। यूनिवर्सिटी के हाॅस्टल में रह रहे सभी छात्रों ने एक साथ शहर में जाकर एडवांस में करीब एक महीने का सामान लेकर आ गए। चीन के हेइलोंगजियांग प्रांत के जिमूसी में रहने वाले छात्र सुनिल विश्रोई ने बताया कि वर्तमान में शहर के यह हालात हैं कि काेई दुकान तक खुली नहीं रहती है।



बेटा चीन में है, चिंता सता रही है
किशनलाल सियाक ने बताया कि मेरा पुत्र पंकज चीन के हुबेई शहर में एमबीबीएस कर रहा है। चीन में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है, इसलिए वह हॉस्टल में ही हैं। अभी बात हुई है, वाे ठीक है, लेकिन यह बीमारी फैलने से चिंता सता रही है। 



फोन से रोज भाई से करता हूं बात
अरविंद लोल ने बताया कि मेरा सगा भाई सुनील चीन के जिमुसी शहर से एमबीबीएस कर रहा है। वहां कोरोना वायरस फैलने के समाचार आने के बाद चिंता ताे हाे रही है, लेकिन हर राेज भाई से बात कर रहे हैं।  
 


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