भेलू गांव के हिम्मताराम नायक ने 11 साल पहले जोधपुर जिले के रोहिणा निवासी राजू देवी से शादी की थी। शिक्षित हिम्मताराम मकान निर्माण का कुशल कारीगर था। इस कारण काम की कमी नहीं थी, घर की खेती भी थी। समय बीतने के साथ दो लड़के व एक लड़की हुई। उसने कभी शराब या अन्य कोई नशा नहीं किया। ऐसे में शादी के बाद उसका जीवन हंसी-खुशी चल रहा था। डेढ़ साल पहले अचानक क्या हुआ किसी को पता नहीं। हिम्मताराम को अपनी पत्नी पर अवैध संबंधों का शक हो गया। शक की आंच में वह जलता रहा और शराब का दामन पकड़ लिया।
शराब पीते-पीते काम करना कम कर दिया तो मानसिक तनाव में आ गया। परिजनों ने उसका इलाज बीकानेर में करवाया। मगर, दवा असर नहीं कर पाई। आए दिन घर में कलह होने लगी तो राजू देवी बच्चों के साथ पीहर चली गई। कई महीने वहीं रही। दो महीने पहले ही परिवार व समाज के वरिष्ठ लोग उसे समझाकर गांव लाए थे। हिम्मताराम भी काफी हद तक खुश नजर आ रहा था। मगर, उसके दिमाग में कुछ और ही पल रहा था। इसी का परिणाम है कि उसने गुरुवार रात को अपनी पत्नी राजूदेवी के साथ ही बेटे रणजीत का गला दबाकर हत्या कर दी। खुद भी फांसी के फंदे पर झूल गया।
खेलते हुए दादा के घर सो गए जयश्री व भवानी, इसी कारण बची जान
हिम्मताराम की बेटी जयश्री (6) व भवानी (4.5) हमेशा उसके साथ ही सोते थे। गुरुवार शाम को वे खेलते-खेलते कुछ ही दूर बनी अपने दादा की ढाणी में पहुंच गए। वहीं सो गए, इस कारण उन्हें हिम्मताराम घर नहीं ले गया। इसी कारण उनकी जान बच गई वरना उनके साथ भी अनहोनी हो सकती थी।
हनुमानजी की तस्वीर के पीछे लिखा सुसाइड नोट
हिम्मताराम ने मरने से पहले कमरे में रखी हनुमानजी की तस्वीर के पीछे सुसाइड नोट लिखा। उसमें लिखा कि उसे अपनी पत्नी पर अवैध संबंध का शक है। इस कारण उसने अपने बेटे व पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी है और खुद भी फांसी लगा रहा है।
बुधवार को खेत में काम करते हुए दिखे थे पति-पत्नी
शोक में डूबे हुए गांव के लोग हिम्मताराम की ढाणी के बाहर जुटे हुए थे। इनमें से कुछ लोग बोल रहे थे कि बुधवार को पति-पत्नी खेत में साथ काम कर रहे थे। ऐसे में हमें लगा कि हिम्मताराम अब ठीक हो गया है। उसका शक दूर हो गया है। टूटा परिवार फिर से जुड़ गया है।